Kidney Stone Ke Baare Mein Ye Baatein Aapko Pata Hone Chahiye

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यह बातें आपको किडनी स्टोन के बारे में पता होनी चाहिए

मनुष्य अपने शरीर को स्वस्थ रखे बिना अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकता । ‘स्वास्थ्य को ही सबसे बड़ा धन’ कहा गया है । रोगों के उपचार की अपेक्षा रोगों से बचना अधिक श्रेयस्कर है ।  यदि हम प्रयत्न करें और स्वास्थ्य संबंधी कुछ आवश्यक जानकारी प्राप्त करके यथा योग्य उपाय करें , तो अनेकों रोगों से बचकर प्रायः जीवन पर्यन्त  स्वस्थ रह सकते हैं । ऐसे तो आज खान-पान , व्यस्तम जीवन शैली के कारण रोग एक फैशन की तरह  दिखाई पड़ने लग गया है, जैसे ब्लड़ प्रेसर, डायबिटिज, पैरालिसिस आदि । इसी प्रकार एक और रोग है, किडनी स्टोन जिसे पथरी के नाम से भी जाना जाता है ।  आज हम इसी विषय पर आधारित जानकारियों पर चर्चा करेंगे ।

किडनी स्टोन एक ऐसा रोग है जिसमें किड़नी पर स्टोन बन जाने के कारण मूत्र त्याग में कष्ट होने के साथ-साथ दर्दकारक होता है कभी-कभी दर्द असहनीय हो जाता है ।

पथरी, खनिजों और नमक का संग्रह होता है जो ज्यादातर कैल्शियम और यूरिक एसिड से बना पत्थर होता है। जो कि गुर्दे के भीतर हो जाती है।  जब हमारे शरीर के कुछ खनिज मूत्र में जमा हो जाते हैं तो गुर्दे के अंदर पत्थर बन जाते हैं। इसे ही किडनी की पथरी कहते हैं। किडनी में पथरी होने पर दर्द पेट के निचले हिस्से में होता है ।

जब नमक और अन्य खनिज पदार्थ एक दूसरे के संपर्क में आते हैं, तो स्टोन बनना शुरू हो जाता है। कुछ स्टोन रेत के दानों की तरह बहुत छोटे होते हैं, तो कुछ का आकार काफी बड़ा होता है। आमतौर पर छोटे स्टोन मूत्र के जरिये शरीर से निकल जाते हैं।

पथरी होने का लक्षण

पथरी का स्थान एवं आकार के आधार पर इसके लक्षण भिन्नभिन्न हो सकते हैं जब पथरी का आकार रेत के कण के परिमाप का होता है तो इससे कोई दर्द नहीं होता अधिक पानी पिने से यह मूत्र मार्ग द्वारा बाहर निकल जाता है बड़ी पथरी मूत्र मार्ग को अवरोधित कर सकती हैं जिसके कई लक्षण उत्पन्न होते हैंकई लोगों को पीठ की तरफ या पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द होता है ।  दर्द अचानक महसूस होता है जिसकी तीव्रता धीरेधीरे बढ़ने लगती है किसीकिसी को  जांघ के मध्य और पेट के निचले भाग में दर्द का अनुभव होता है यह दर्द रूकरूक कर होता है कभीकभी किसीकिसी में यह दर्द लगातार बना रह सकता है समान्यतः इसके लक्षण इस प्रकार होते हैं

1- दर्द रूक-रूक कर बार-बार बढ़ता-घटता है ।

2- कभी-कभी पेशाब में खून आने लगता है ।

3- उल्टी होते हैं या उल्टी करने का मन होने लगता है ।

4- पेशाब करने पर जलन का एहसास होता है ।

5- मूत्र में धुंधलापन आ जाता है ।

6- मूत्र में एक विशेष प्रकार का दुर्गन्ध आने लगता है ।

7- मूत्र रूक-रूक कर आता है ।

8- एक बार में थोड़ा सा ही मूत्र आता है जबकी पेशाब करनी की इच्छा रहती है ।

किडनी स्टोन के कारण-

“किडनी स्टोन के बनने का प्रमुख कारण पानी कम पीना” है । “पेशाब में कई क्रिस्टल बनाने वाले खनिज-लवण होते हैं जैसे की यूरिक एसिड, कैल्शियम और ऑक्सालेट । जब पेशाब में पानी कम मात्रा में होती हैं तब वह गाढ़ा हो जाता है जिससे वह खनिज-लवण एकत्रित होके  स्टोन्स बनाने लगते हैं ।

पथरी होने के प्रमुख कारण इस प्रकार हैं-

आनुवांशिक– पथरी होना एक प्रकार का आनुवांशिक रोग है, यदि आपके परिवार में किसी को पथरी है, रहा है तो आपको भी पथरी होने की संभावनायें बनी रहती हैं ।

रहवास– आप जिस क्षेत्र में रहते है यदि वहाँ की जलवायु गर्म प्रकृति की हैं तो आपको पथरी होने की संभावना हो सकती है ।  यहीं कारण है कि देश के दक्षिण भारत की तुलना में उत्तर भारत में इसके रोगी अधिक हैं ।

खान-पान- यदि आपके भोजन में द्रव की मात्रा काफी कम हो तो, आपको पथरी होने की संभावना हो सकती है ।

पुरानी बीमारियाँ– ऐसे किसी बीमारी जिसके उपचार के लिये ड्यूरेटिक्स, इंडिनवीर या ज्यादा कैल्सियम वाले एंटासिड लेने की आवश्यकता हो, उसे पथरी होने की संभावना बनी रहती है ।

किडनी स्टोन्स  होने का खतरा हो सकता है-

1- यदि आपके परिवार में किडनी स्टोन होने का इतिहास हो ।

2- यदिआप मोटापा के शिकार हैं ।

3- यदि आपका रक्त चाप अधिक है ।

4- यदि आपके खानपान में प्रोटीन और सोडियम ज्यादा और कैल्शियम कम है ।

5- यदि आपके दिनचर्या में व्यायाम की काफी कमी है ।

6- यदि आपके भोजन में प्रोटीन, नमक, ग्लूकोज की मात्रा अधिक हो ।

7- गैस्टिक की समस्या लंबे समय से बना हो ।

पथरी से बचने के उपाय-

रहन-सहन और खान-पान का गठन अनेक रोगों का कारण हो सकता है तो इसके संतुलन से अनेक रोगों से बचा भी जा सकता है पथरी से बचने के लिये हमें निम्न उपाय करना चाहिये-

1- अधिक से अधिक पानी पीना-

पथरी से बचने के लिये अधिक से अधिक पानी पीना चाहिये । हर रोज 3-4 लीटर पानी पीना चाहिये । इसके साथ-साथ अपने आहार में ऐसे पेय पदार्थ को शामिल करना चाहिये जिसमें साइट्रेट रसायन की मात्रा हो जैसे निंबू, जिसमें साइट्रिक एसिड पाया जाता है । इसी प्रकार संतरे का जूस या इसी प्रकार के खट्टे स्वाद वाला पेय पदार्थ ।

2- मांसाहार कम करना-

रेड मीट, मुर्गी अंड़ा आदि जिसमें अधिक मात्रा में प्रोटिन पाई जाती है, जो साइट्रेट बनने की दर को कम कर देता है, जिससे पथरी की संभावना बढ़ जाती है । वास्तव में साइट्रेट पथरी बनने की दर को कम करता है  अतः ऐसे भोज्य पदार्थो से परहेज करना चाहिये ।

3-  कैल्सियम की संतुलित मात्रा लेना-

कैल्सियम की मात्रा कम होने पर आक्सलेट का स्तर बढ़ जाता है जो एक प्रकार का स्टोन ही है, इसके दर को कम करने के लिये कैल्सियम की आवश्यकता होती है । बढ़ती आयु के अनुरूप कैल्सियम की अतिरिक्त मात्रा लेनी चाहिये ।  किन्तु ध्यान देने योग्य है कि अत्यअधिक कैल्सियम भी पथरी कारक होता है ।

4- सोडियम युक्त पदार्थ को नियंत्रित करना-

उच्च सोडियम युक्त आहार पथरी कारक होता है ।  अतः सोडियमयुक्त पदार्थ जैसे नमक, गाजर, चुकुन्दर को संतुलित रूप से लेना चाहिये ।

5- आक्सलेट युक्त पदार्थ को नियंत्रित करना-

उच्च आक्सलेट युक्त आहार पथरी का एक बड़ा कारण होता है ।  अतः आक्सलेट युक्त पदार्थ जैसे  चुकुन्दर, चाय, मेवा, चाकलेट को संतुलित रूप से लेना चाहिये ।

पथरी के लक्षण पाये जाने पर क्या करें ?

पथरी के लक्षण पाये जाने सबसे जरूरी बात है घबरायें नहीं, न हीं रोग को दबायें । ये लक्षण पाये जाने पर अविलंब आपने डाक्टर से अपना चेकअप करायें ।

किडनी स्टोन का इलाज उसके आकार पर निर्भर होता है | किडनी स्टोन का आकार यदि छोटा हो तो  बस दिन में 2-3 लिटर पानी पीने से काम चल जाता है । यूरिक एसिड को कम करने एवं खान-पान सुधार करने से इसे नियंत्रित किया जा सकता है । गंभीर चिकित्सा की ज़रूरत तब होती है जब स्टोन का आकार बढ़ा होता है और वह खुद से पेशाब के साथ बहार नहीं निकलता |

जानकारी ही बचाव है इसलिये अधिक से अधिक जानकारी रखना चाहिये ।  जिन कारणों से रोग उत्पन्न होता है, जिन कारणों से स्टोन्स का निर्माण होता है उन कारणों को समूल नष्ट करने का प्रयास किया जाना चाहिये पथरी से बचने के समुचित उपाय करना चाहिये यदि रोग के लक्षण दिखे तो इसे नजर अंदाज नहीं करना चाहिये एक बात का ध्यान रखें कि किडनी स्टोन का इलाज करना अति आवश्यक होता है क्योंकि अगर वह ज़्यादा देर शरीर में रहे तो बड़ा होकर मूत्रवाहिनी में फँसकर उसको बंद कर सकता है | यह एक आपातकालीन समस्या होती है |”

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